- हसपुरा के सुधीर सिंह ने लिखी है शोधपरक पुस्तक
- ऐतिहासिक दस्तावेजों के हवाले से बताया भगत सिंह का बिहार से संबंध
पटना। भगत सिंह का बिहार से गहरा संबंध रहा है। इसे प्रामाणिक रूप से जानने के लिए सुधीर सिंह की किताब ‘बिहार में भगत सिंह’ हर किसी को जरूर पढ़ना चाहिए। ऐतिहासिक संदर्भों के बावजूद पुस्तक काफी रोचक और आकर्षक शैली में लिखी गई है। उक्त बातें ने पटना पुस्तक मेले में बिहार में भगत सिंह पुस्तक के लोकार्पण के दौरान वक्ताओं ने कहीं। उन्होंने कहा कि इतिहास, भगत सिंह या बिहार में रुचि रखनेवाले हर व्यक्ति को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए। यह किताब विस्मृत लेकिन गौरवशाली बिहार को सामने लाती है। आजादी की लड़ाई में बिहार की लड़ाई को नये सिरे से परिभाषित करती है।
लोकार्पण में वरिष्ठ पत्रकारों ने की किताब पर चर्चा
समारोह की शुरुआत में केंद्रीय संचार ब्यूरो के उपनिदेशक संजय कुमार और राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों ने पुस्तक का लोकार्पण किया। इसके बाद पुस्तक पर चर्चा की गई। लेखक सुधीर सिंह ने कहा कि बिहार से भगत सिंह का गहरा संबंध रहा है। ऐतिहासिक दस्तावेजों में कई जगहों पर इसकी चर्चा है। बिहार के क्रांतिकारियों ने भगत सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है और शहादत दी। लोग भगत सिंह के बिहार से संबंधों को प्रामाणिक और विस्तृत रूप से जान सकें, इसी मकसद से यह किताब लिखी गई है।
बिहार का इतिहास लाने का गंभीर प्रयास
चर्चा का संचालन करते हुए दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार कुमार रजत ने कहा कि पुस्तक में ढेर सारी ऐसी जानकारियां हैं, जिनसे लोग पहली बार रूबरू होंगे। साथ ही, क्रांतिकारियों द्वारा बिहार में की गई गतिविधियों की भी जानकारी मिल सकेगी। इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र ने कहा कि बिहार में भगत सिंह के साथियों को भुला दिया गया। इस किताब के माध्यम से फिर से उन्हें सामने लाने का बहुत सार्थक और जरूरी काम किया गया है। दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर विनीत ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि हर बात को संदर्भों के हवाले से बताया गया है। प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार सुमित सिन्हा ने कहा कि इस किताब के बहाने हमें बिहार के ऐतिहासिक और गौरवशाली किरदारों से परिचित होने का मौका मिल रहा है। मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
बता दें कि सुधीर सिंह बिहार के वरिष्ठ पत्रकार हैं और आठ वर्षों से क्रांतिकारियों पर काम कर रहे हैं। वे द फ्रीडम के नाम से क्रांतिकारियों पर केंद्रित देश का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफार्म चलाते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह किताब आनलाइन भी उपलब्ध हो जाएगी।
सुधीर जी को बहुत बहुत बधाई।
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